वीप्साअलंकार या पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार-
घबराहट, आश्चर्य, घृणा या रोचकता किसी शब्द को काव्य में दोहराना ही वीप्सा या पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
उदाहरण 1.
मधुर-मधुर मेरे दीपक जल।
मधुर-मधुर मेरे दीपक जल।
उदाहरण 2.
विहग-विहग
फिर चहक उठे ये पुंज-पुंज
कल- कूजित कर उर का निकुंज
चिर सुभग-सुभग।
विहग-विहग
फिर चहक उठे ये पुंज-पुंज
कल- कूजित कर उर का निकुंज
चिर सुभग-सुभग।
उदाहरण 3.
जुगन- जुगन समझावत हारा , कहा न मानत कोई रे ।
उदाहरण 4.
लहरों के घूँघट से झुक-झुक , दशमी शशि निज तिर्यक मुख ,
दिखलाता , मुग्धा- सा रुक-रुक ।
उदाहरण 5.
बढ़त पल-पल घटत छिन-छिन चलत न लगे बार।
उदाहरण 6 .
ठुमुकि- ठुमुकि रुनझुन धुनि-सुनि ,
कनक अजिर शिशु डोलत।
जुगन- जुगन समझावत हारा , कहा न मानत कोई रे ।
उदाहरण 4.
लहरों के घूँघट से झुक-झुक , दशमी शशि निज तिर्यक मुख ,
दिखलाता , मुग्धा- सा रुक-रुक ।
उदाहरण 5.
बढ़त पल-पल घटत छिन-छिन चलत न लगे बार।
उदाहरण 6 .
ठुमुकि- ठुमुकि रुनझुन धुनि-सुनि ,
कनक अजिर शिशु डोलत।
Bharat mata ke dedipyaman mastak ko malinta purn bana diya hi me koun sa alnkar
जवाब देंहटाएंMaanvikaran
हटाएंAtisyokti
हटाएंpunarukti Prakash
हटाएंAnuparah
जवाब देंहटाएंJis kavye rachna m vayanjan varano ki bar bar aavrti ho
हटाएंअनुप्रास
हटाएंअलंकार
छोटे बच्चे ऐसा करते हैं।
जवाब देंहटाएं