अपन्हुति अलंकार -
अपन्हुति का अर्थ है छिपाना या निषेध करना।काव्य में जहाँ उपमेय को निषेध कर उपमान का आरोप किया जाता है,वहाँ अपन्हुति अलंकार होता है। उदाहरण-
1 यह चेहरा नहीं गुलाब का ताजा फूल है।
2 नये सरोज, उरोजन थे, मंजुमीन, नहिं नैन।
कलित कलाधर, बदन नहिं मदनबान, नहिं सैन।।
3 सत्य कहहूँ हौं दीन दयाला।
बंधु न होय मोर यह काला।।
4. यह रस्सी नहीं साँप है।
5. मुख नहीं चंद्र है।
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