रूपक

रूपक अलंकार-

    जब उपमेय में उपमान  का निषेध रहित आरोप करते हैं, तब रूपक अलंकार होता है। दूसरे शब्दों में जब उपमेय और              उपमान में अभिन्नता या अभेद दिखाते हैं, तब रूपक अलंकार होता है।उदाहरण-

उदाहरण 1. 

 चरण-कमल बंदउँ हरिराई।

उदाहरण 2

राम कृपा भव निशा सिरानी 


उदाहरण 3

  बंदउँ गुरुपद पदुम- परागा।


  सुरुचि सुवास सरस अनुरागा।।

उदाहरण 4. 

 चरण सरोज पखारन लागा | 

उदाहरण 5. 

 अम्बर पनघट में डुबो रही,
 तारा - घट ऊषा नागरी | 

उदाहरण 5. 

मन-मधुकर पण कै तुलसी रघुपति-पद कमल बसैहौं। 

उदाहरण 6. 
स्याम रूप सुचि रुचिर कसौटी, चित कंचनहिं कसैहौं। 

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